बनारसी मौर्या / पप्पू सागर
कटरा शिवदयालगंज। स्थानीय बाजार में चल रही 12 दिवसीय से रामलीला महोत्सव के दसवें दिन काली पूजन व अहिरावण वध की लीला का मंचन किया गया l मंचन का शुभारंभ मां काली की आरती पूजन कर क्षेत्र के युवा समाजसेवी जनप्रतिनिधि डॉ. उमेश प्रताप सिंह ने किया l कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि समाजसेवी कृष्ण मोहन यादव, सूरज लाल यादव, संतोष गुप्ता आदि रहे ! लीला मंचन के प्रथम दृश्य में रावण अपने मंत्रियों - सेनापतियों से विचार विमर्श करता है कि उसके राज्य के बड़े से बड़े योद्धा सभी युद्ध भूमि में वीरगति को प्राप्त हो चुके हैं ! इस प्रकार उसे ध्यान में आता है कि उसका एक पुत्र पातालपुरी का राजा है ! वह आकर्षण मित्रों के द्वारा पातालपुरी के राजा अपने पुत्र अहिरावण को बुलवाता है ! सारा वृत्तांत सुनने के बाद अहिरावण भी रावण को खूब समझता है ! रावण के कटु वचन कहने से आहत अहिरावण अपने देश, अपने कुल, अपने समाज की आन बान और मर्यादा के लिए इस युद्ध में भाग लेने के लिए तैयार होता है ! और वह मायावी बाण चलकर रामा दल में उपस्थित सभी को निद्रा मे ला देता है ! इस प्रकार राम और लक्ष्मण को गहरी निंद्रा में चुराकर मां काली के मंदिर में ले जाता है ! जहां बलि चढ़ाने की योजना बनाता है ! इधर रामा दल में जब सभी निद्रा से जागते है तो राम और लक्ष्मण को न पाकर व्याकुल हो जाते हैं ! इस प्रकार विभीषण के बताए हुए अनुसार श्री हनुमान जी पातालपुरी में पहुंच जाते हैं ! जहां पर मां काली के स्थान पर स्वयं विराजमान हो जाते हैं ! जब अहिरावण राम और लक्ष्मण का बलि चढ़ाने के लिए आगे बढ़ता है ! तभी हनुमान जी प्रकट होकर अहिरावण का वध कर देते हैं ! इस अवसर पर श्री अवध रामलीला के इस महोत्सव में सन 1958 से ही भव्य काली का पूजन आस्था का विशेष केंद्र बना हुआ है ! भक्त अपनी मन्नतें मांगने के लिए आते हैं ! और बहुत भारी मात्रा में मिठाइयां, वस्त्र और दक्षिण लोग मां काली के पूजन में अर्पण भी करते हैं। मुख्य किरदार निभाने वालों में सरवन गुप्ता राम, राज गुप्ता लक्ष्मण, अनूप कुमार गुप्ता पॉपुलर रावण, रजनीश कमलापुरी अहिरावण, रंजीत कसौधन सुग्रीव , अमित कुमार राय हनुमान की भूमिका में नजर आए ! कार्यक्रम का संचालन शुभम व निर्देशन कपिल नाथ ने किया !

