पं श्याम त्रिपाठी/राकेश उर्फ़ पप्पू सागर
नवाबगंज गोंडा।श्री अवध रामलीला समिति कटरा शिवदयालगंज "विकास प्राधिकरण अयोध्या" अंतर्गत आयोजित 12 दिवसीय श्री रामलीला महोत्सव का भव्य उद्घाटन फीता काट कर रमैया बाबा मंदिर अयोध्या के महंत रवि शंकर जी महाराज, प्रसिद्ध कथा वाचक भोलानाथ शास्त्री व ग्राम प्रधान राघवेंद्र प्रताप उर्फ़ विपिन सिंह ने संयुक्त रूप से किया !
मंचन का शुभारंभ प्रथम पूज्य आदि देव भगवान गणेश की भव्य झांकी सजाकर आरती के साथ प्रारंभ हुई ! तत्पश्चा नारद मुनि क्षीरसागर में पहुंचकर भगवान विष्णु से अपने आप को कामदेव पर विजय पाने की बात बताते हैं l जिस पर लक्ष्मी जी को आश्चर होता है ! और नारद मुनि लक्ष्मी जी के बीच संवाद होता है ! फिर लक्ष्मी जी अपने माया से माया नगरी का निर्माण करती हैं ! इधर राजा शीलनिधि नारद मुनि को अपने पुत्री विश्वमोहिनी का हाथ दिखाते हैं ! और नारद मुनि से ज्ञात होता है कि विश्व का जो सबसे सुंदर पुरुष होगा वही विश्वमोहिनी का पति होगा ! इस प्रकार विश्व मोहिनी को देखकर नारद मुनि भी मोहित हो जाते हैं ! और विश्व मोहिनी से स्वयंवर रचाने की सोचने लगते हैं ! इधर राजा शीलनिधि के यहां विश्व मोहिनी की स्वयंवर का आयोजन होता है ! विश्व मोहिनी से विवाह की अभिलाषा लिए हुए नारद मुनि क्षीरसागर में श्री हरि विष्णु के पास हरि जैसा स्वरूप मांगने पहुंच जाते हैं ! भगवान विष्णु नारद मुनि को बंदर का स्वरूप प्रदान कर देते हैं ! जिस स्वरुप को लेकर नारद मुनि स्वयंवर में पहुंचते हैं ! और उनकी खूब हंसी होती है ! स्वयंवर के मध्य में श्री हरि विष्णु अचानक पहुंचते हैं जहां विश्व मोहिनी विष्णु जी के गले में वरमाला डालती हैं ! और हरि विष्णु के साथ चली जाती हैं ! जिसे देख नारद मुनि क्रोधित हो जाते हैं ! और अपने दोनों चेलों को तीन जन्मों तक राक्षस योनि में जन्म लेने का श्राप दे देते हैं । और फिर क्षीरसागर में पहुंचकर भगवान विष्णु को भी श्राप देते हैं कि आप भी पृथ्वी पर नर रूप में अवतार लोगे और पत्नी के वियोग में तड़पोगे ! उस समय आपका मदद बंदर ही करेंगे। यही श्राप आगे चलकर प्रभु श्री राम के अवतार, माता सीता के हरण और रावण के अंत का कारण बना ! मुख्य किरदार निभाने वालों में विष्णु राजेंद्र प्रसाद गुप्ता , नारद मुनि ओम प्रकाश गुप्ता, शंकर अनूप कुमार पॉपुलर, गौरीशंकर गुप्ता, रजनीश कमलापुरी, बसंत लाल गुप्ता, इंद्रपाल गुप्ता, परमानंद गुप्ता, गणेश चंद्र गुप्ता आदि रहे ! लीला का निर्देशन मीडिया प्रभारी विनोद कुमार गुप्ता ने किया !


