नागेन्द्र प्रताप शुक्ला
बिजुआ खीरी। कभी आपातकालीन सेवाओं में मरीजों की जान बचाने वाली एंबुलेंस आज खुद अपने 'इलाज' की प्रतीक्षा कर रहीं हैं। जिले के विकास खण्ड बिजुआ की सीएचसी व पीएचसी में खड़ी लगभग चार एंबुलेंस कंडम घोषित हो चुकी हैं। उनकी नीलामी प्रक्रिया वर्षों से अधूरी है। ये एंबुलेंस अब अस्पताल परिसरों में जगह घेरे हुए खड़ी हैं और धीरे-धीरे कबाड़ में तब्दील होती जा रही हैं।
कंडम एंबुलेंसों की स्थिति:
सीएचसी बिजुआ से लेकर पीएचसी भीरा तक, ये एंबुलेंस बेजान खड़ी हैं। चार बिजुआ सीएचसी व एक भीरा पीएचसी एंबुलेंस वर्तमान में आपातकालीन सेवाओं में सक्रिय हैं, लेकिन कंडम हो चुकी एंबुलेंस अस्पताल परिसरों में नीलामी के इंतजार में खराब हो रहीं हैं। नीलामी में देरी के कारण सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है। नाम न लिखने के एवज में सीएचसी के कर्मचारी ने बताया की कंडम एंबुलेंसों की वजह से अस्पताल परिसर में जगह कम हो गई है। इन एंबुलेंसों के आसपास घास और गंदगी पनप रही है, जिससे मच्छर और बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
राजस्व का नुकसान और सवालों के घेरे में जिम्मेदार अधिकारी:
नीलामी की प्रक्रिया में देरी से सरकार को राजस्व का बड़ा नुकसान हो रहा है। एंबुलेंस लंबे समय तक खड़ी रहने के कारण अब अधिक खराब हो चुकी हैं, जिससे उनकी संभावित नीलामी कीमत पर भी असर पड़ेगा। अगर जल्द ही नीलामी प्रक्रिया शुरू नहीं की गई, तो यह समस्या और गंभीर हो सकती है।
समस्या का समाधान कब?:
यह सवाल उठ रहा है कि आखिर कब जिम्मेदार अधिकारी इन एंबुलेंसों की नीलामी की प्रक्रिया को अंतिम रूप देंगे। समय के साथ इन एंबुलेंसों की हालत और खराब हो रही है, जिससे न केवल सरकारी धन का नुकसान हो रहा है, बल्कि अस्पताल परिसरों में अव्यवस्था भी बढ़ रही है।
जनपद में मेरे पास 92 एंबुलेंस है जो की पर्याप्त हैं यह एंबुलेंस पहले से कंडम घोषित की जा चुकी हैं और नीलामी प्रक्रिया प्रचलित है कंडम एम्बुलेंस की जल्द ही नीलामी की जाएगी। डॉ. सन्तोष गुप्ता ,सीएमओ लखीमपुर खीरी।

