बनारसी मौर्या/पप्पू सागर
नवाबगंज गोंडा।कटरा शिवदयालगंज में चल रही रामलीला महोत्सव के सातवें दिन विभीषण शरणागति की लीला का मंचन किया गया l मंचन के शुभारंभ मां दुर्गा की भव्य झांकी सजाकर महिषासुर के मर्दन के दृश्य के साथ पूजन आरती से हुई l तत्पश्चात रावण अपने मंत्रियों के साथ मंत्रणा करता है l जिसमें उसके सभी मंत्री युद्ध करने पर सहमति देते हैं l जिससे वहां उपस्थित विभीषण मंत्रियों के चापलूसी का विरोध करते हुए रावण को खूब समझते हैं l जिससे रावण नाराज होकर रावण विभीषण पर पैर से प्रहार करके लंका से निकाल देते हैं l और साथ ही साथ अपने दो गुप्तचर विभीषण के पीछे भेज देते हैं कि कहीं रामा दल में वह लंका की भेद तो नहीं बता रहे हैं l इस प्रकार दोनों गुप्तचर जब रामा दल में पहुंचते हैं तो वहां पहचान लिए जाते हैं l और खूब पड़तालना दी जाती है l जब लक्ष्मण जी की दुहाई देते हैं l तो लक्ष्मण जी दया खाकर इन दोनों को कुछ संदेशों के साथ पुनः लंका भेज देते हैं l इधर रामा दल में विचार विमर्श के साथ अंगद को एक दूत के रूप में लंका में संधि संदेश के साथ भेजा जाता है l जहां पर अंगद रावण के पुत्र शहजादे का वध कर देते हैं l मुख्य किरदार के रूप में राम निर्मल गुप्ता, लक्ष्मण सर्वेश गुप्ता, रावण मन्नीलाल गुप्ता, अंगद रजनीश कमलापुर, हनुमान शुभम गुप्ता, सुग्रीव रंजीत , सुख गौरी शंकर, सारण अनूप कुमार, विभीषण आनंद गुप्ता आदि के किरदार को दर्शकों ने खूब सराहा l निर्देशन कपिल नाथ गुप्ता ने किया l

