अस्पताल में गंदगी का अंबार,अनुपस्थित मिले कर्मचारियों का वेतन काटने की दी चेतावनी
कमलेश
खमरिया खीरी:मुख्य विकास अधिकारी मंगलवार को अचानक सीएचसी खमरिया पहुच गये,जहां फैली अव्यवस्थाओं को देख उन्होंने सीएचसी अधीक्षक को फटकार लगाते हुए अनुपस्थित डॉक्टर व कर्मचारियों का वेतन काटने की चेतावनी देकर जबाब तलब कर लिया। यही नही अस्पताल की स्थिति देखकर सीएमओ को बरसात में टपक रहे जर्जर भवन को तत्काल प्रभाव से मरम्मत करवाने के भी निर्देश दिए है।
मंगलवार को सीएचसी खमरिया में सीडीओ अभिषेक कुमार के पहुचते ही सीएचसी की पोल खुल गई। जहां अव्यवस्थाओं के बीच अस्पताल दिन में भी अंधेरे से डूबा हुआ था,जनरेटर का प्रयोग न होने,जच्चा बच्चा वार्ड खाली होना,नवजात को जीरो डोज वैक्सीन का न लगना,अस्पताल की छतें बरसात में टपकने की वजह से आवश्यक मशीनें प्लास्टिक से ढकी हुई मिलना,शौचालय बन्द होने के साथ गंदगी से भरा होना,शीलन व जलभराव से जूझ रहे अस्पताल को देख सीएचसी अधीक्षक को फटकार लगाते हुए सीडीओ ने व्यवस्थाएं दुरुस्त करने की बात कही साथ ही सीएमओ को अस्पताल को तत्काल मरम्मत कर दुरुस्त करने के भी निर्देश दिए। इस दौरान सीडीओ उस समय चौक गये,जब नौ डॉक्टर सहित कर्मचारी अस्पताल से नदारद मिले। जिसको गंभीरता से लेकर सभी अनुपस्थित डाक्टरों व कर्मचारियों का वेतन काटने की चेतावनी देकर अधीक्षक से जबाब तलब करने को कहा। जिसके बाद से नदारद डाक्टरों के साथ कर्मचारियों में अफ़रातफ़री का माहौल बना हुआ है।
सीडीओ की जांच से ईसानगर पीएचसी में भी मची रही अफ़रातफ़री
सीएचसी खमरिया में अचानक सीडीओ अभिषेक कुमार के द्वारा दिन में करीब 12 बजे निरीक्षण किये जाने की जानकारी जैसे ही ईसानगर पीएचसी में तैनात डाक्टरों व कर्मचारियों को हुई तो जो जहां था वही अफ़रातफ़री मच गई। इस बाबत चर्चा है कि पीएचसी के मुख्य डॉक्टर सुशील कुमार कई दिनों से अस्पताल की तरफ रुख न कर लखनऊ में विराजे हुए है। यही नही बताया जाता है कि यूनानी डॉक्टर अख्तरे आलम कस्बा ईसानगर में अपना निजी क्लिनिक खोले हुए है, जहां से उन्हें छुट्टी मिलती है तभी वह अस्पताल की ओर रुख करते है। इनके अलावा मनमाने तरीक़े से नौकरी कर लखनऊ में अपना बसेरा बनाए आप्टो मेट्रिस्ट गीतेश कुमार मिश्रा को आमजन की तो बात ही छोड़ दो अस्पताल के अन्य कर्मचारियों को भी उनके यदा कदा ही दर्शन होते है,में भी घबराहट मच गई जिसमें से अधिकांश लोगों में सीडीओ की जांच का असर ऐसा था कि वह अपने साथियों से जो अस्पताल में मौजूद थे, से पल पल का जायज़ा लेते रहे।

