मामला प्रकाश में आते ही जमीन के बदले पांच लाख रुपये नकद देने का अलापा जाने लगा राग
पुलिस ने आठ दिन के अंदर रजिस्ट्री वापस करने का दिया अल्टीमेटम
संजीव शुक्ला
धौरहरा-खीरी:धौरहरा तहसील में फर्जी तरीके से रजिस्ट्री करवाकर कीमती जमीने हथियाने की चर्चा अभी थमी भी नही थी,कि अब मनरेगा में पैसे दिलाने के नाम पर एक बुजुर्ग को पहले बैंक ले जाया गया फिर बैंक खाता में गड़बड़ी होने की बात कह उसे तहसील ले जाकर उसकी कीमती पांच बीघा जमीन की रजिस्ट्री कराने के दौरान 200 रुपये थमा कर घर भेज दिया गया।जिसकी महीने भर बाद जानकारी होने पर बुजुर्ग व उसकी पत्नी के पैरों तले जमीन खिसक गई। आनन फानन में बुजुर्ग ने मामले को लिखित रूप से एसडीएम, तहसीलदार सहित नायब तहसीलदार व रजिस्टार को अवगत कराने के साथ ही पुलिस को प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई। जिसको गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने रजिस्ट्री करवाने वाले को पूछताछ के बाद आठ दिन के अंदर रजिस्ट्री वापस करने का अल्टीमेटम दिया है।
धौरहरा तहसील क्षेत्र के सुर्जनपुर गांव में अजीबोगरीब मामला प्रकाश में आया है। जहां बुजुर्ग तीरथ राम पुत्र लालता निवासी ग्राम अम्बरपुर मजरा सुर्जनपुर थाना खमरिया ने पुलिस को प्रार्थना पत्र देकर बताया कि गांव के अशोक कुमार पुत्र भाईलाल विगत 6 अगस्त को सुबह घर आकर मनरेगा से उसके खाते में पैसे दिलवाने का हवाला देकर आधार पास बुक के साथ पहले उसे खमरिया बैंक ले गये जहां खाते में कुछ गड़बड़ी होने की बात कह उसे धौरहरा ले गये जहां उसको 200 रुपये देकर उसे उसकी गाटा संख्या 642 में से पांच बीघा जमीन बगैर बताये राजकुमारी पत्नी हीरालाल निवासी खमरिया खुर्द थाना खमरिया के नाम रजिस्ट्री करवा दिया। करीब एक महीने बाद उसके घर तहसील से नोटिस देने गये कर्मचारी ने उन्हें जैसे ही बताया कि उन्होंने पांच बीघा जमीन की रजिस्ट्री करवाई है तो बुजुर्ग व उसकी पत्नी रोने चिल्लाने लगे,जिनको देख उक्त कर्मचारी बगैर नोटिस दिए ही रफ़ूचक्कर हो गया। जिसके बाद बुजुर्ग अपने रिश्तेदारों के साथ तहसील जाकर एसडीएम, तहसीलदार,नायब तहसीलदार सहित रजिस्टार ऑफिस में प्रार्थना पत्र देकर आगे की कार्रवाई रोककर रजिस्ट्री कैंसिल करने के लिए अपील की है।
पुलिस ने आठ दिन के भीतर रजिस्ट्री वापस लेने का दिया अल्टीमेटम
मामले में प्रार्थना पत्र मिलने के बाद खमरिया थाना प्रभारी ओपी राय ने उसे गंभीरता से लेते हुए बुजर्ग को न्याय दिलाने की ठान कठिन परिश्रम से जांच शुरु कर दी,इस दौरान रजिस्ट्री करवाने वाले आरोपी की बातों से फर्जीवाड़े का शक हुआ तो उन्होंने आठ दिन के अंदर रजिस्ट्री वापस लेने का अल्टीमेटम दे दिया। जिसके बाद से फर्जीवाड़ा करने वालो में अफ़रातफ़री मच गई,वही आरोपी अपने बचाव के लिए कुछ प्रभावशाली लोगों की चौखट पर दस्तक देने लगे है।
मामला फंसता देख ठगों ने बुजुर्ग को पांच लाख रुपये देने का अलापा राग
इस बाबत जब मामला तूल पकड़ने लगा तो आरोपी अपने आपको फंसता देख पांच बीघा जमीन के बदले बुजुर्ग को पांच लाख रुपये नकद देने का राग अलापने लगे। बताया यह भी जाता है कि बुजर्ग के एक लड़की है जिसकी शादी हो चुकी है अब केवल पति-पत्नी के अलावा कोई नही है। जिसकी वजह से उसकी कीमती जमीन पर कुछ लोग नजर गड़ाए हुए थे,जिन्होंने मौका देखकर बुजुर्ग को झांसे में लेकर जमीन पड़ोसी गांव में रहने वाले लेखपाल की मुंशीगिरी कर रहे धर्मेन्द्र की माँ राजकुमारी के नाम रजिस्ट्री करवा दी,पर उन्हें यह मालूम नही था कि मामला इतनी जल्दी प्रकाश में आ जायेगा,वही मामला प्रकाश में आने के बाद आरोपियों को लेकर क्षेत्र में तरह तरह की चर्चाएं व्याप्त हो गई है।

