पंश्याम त्रिपाठी राकेश उर्फ़ पप्पू सागर
नवाबगंज गोंडा।श्री अवध रामलीला समिति कटरा शिवदयालगंज के तत्वावधान में आयोजित 12 दिवसीय रामलीला महोत्सव के दूसरे दिन रावण अत्याचार व राम जन्म की लीला का मंचन किया गया !
मंचन का शुभारंभ श्री हरि विष्णु के भव्य झांकी सजाकर पूजन आरती के साथ हुआ ! तत्पश्चात रावण अपने तप और बाल के मद में चूर हो कर चारों तरफ हाहाकार मचा देता है ! उसके सैनिक साधु संतों को मार देते हैं ! उनके पूजा, हवन, यज्ञ को नष्ट कर देते हैं ! और यह प्रचार करते हैं की धरती पर अगर ईश्वर कोई है तो वह रावण है ! इस प्रकार रावण के अत्याचार से परेशान होकर साधु संत व देवता गण क्रमशः ब्रह्मा जी भोलेनाथ के साथ-साथ श्री विष्णु जी का आवाहन करते हैं ! तभी आकाशवाणी से देवताओं और ऋषि मुनियों को ज्ञात होता है कि अयोध्या में दशरथ के यहां भगवान राम अवतार ले रहे हैं ! इधर राजा दशरथ अपने मंत्री के साथ विचार विमर्श करते हैं कि राज्य में सब कुछ होने के बाद भी अगर एक पुत्र नहीं है तो सब शून्य है !
जिस समस्या को लेकर गुरु वशिष्ट के पास जाते हैं और गुरु वशिष्ठ उन्हें समझाते हैं ! इस अवसर पर उपस्थित भक्तों को ध्रुव व प्रह्लाद का उदाहरण के साथ दिव्य संदेश दिया गया कि वंश / कुल के नाम को आगे बढ़ाने के लिए केवल पुत्र का होना ही जरूरी नहीं है। अपने उत्तम कार्यों अच्छे विचारों से कुल का नाम होता है। राजा दशरथ को समस्या का उपाय बताते हुए गुरु वशिष्ट के निर्देशानुसार श्रृंगीऋषि के सानिध्य में मनोरमा के तट पर पुत्रेष्ठी यज्ञ का आयोजन होता है ! यज्ञ से प्राप्त प्रसाद को राजा दशरथ तीनों रानियां में बांट देते हैं ! और इस प्रकार अयोध्या के मंगल भवन में चार-चार पुत्रों का जन्म होता है ! कुछ समय बाद गुरु वशिष्ट जी के द्वारा चारों पुत्रों का नामकरण होता है ! राम, लक्ष्मण, भारत और शत्रुघ्न के रूप में ! दरबार में विश्वामित्र का आगमन होता है ! और वह अपने यज्ञ और पूजा पाठ की रक्षा हेतु राम और लक्ष्मण को अपने साथ ले जाते हैं !
मुख्य किरदार निभाने वालों में रावण महेंद्र कसौधन, राजा दशरथ परमानंद गुप्ता, गुरु वशिष्ठ बसंत लाल गुप्ता, विश्वामित्र ओम प्रकाश गुप्ता, विष्णु जी राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, शंकर जी अनूप कुमार गुप्ता पॉपुलर, इंद्रपाल कसौधन, गौरीशंकर गुप्ता, गणेश चंद्र , रजनीश कमलापुरी, आशीष, साहिल आदि के अभिनय को दर्शकों ने खूब सराहा ! निर्देशन विनोद कुमार गुप्ता निर्देशन व संचालन शुभम गुप्ता ने किया ।



