बनारसी मौर्या/ पप्पू सागर
कटरा शिवदयालगंज गोंडा।कटरा शिवदयालगंज बाजार में चल रही 12 दिवसीय श्री रामलीला महोत्सव के पांचवें दिन पंचवटी सीता हरण , राम सुग्रीव मित्रता की लीला का मंचन किया गया ! मंचन का शुभारंभ मुख्य अतिथि वरिष्ठ संवाददाता राकेश सिंह व हरीश तिवारी के द्वारा श्री राम माता जानकी लक्ष्मण और हनुमान जी की दिव्या झांकी सजाकर आरती पूजन से हुई ! तत्पश्चात पंचवटी में राम लक्ष्मण और माता जानकी एक वृक्ष के नीचे बैठे थे तभी वहां रावण की बहन शूर्पणखा पहुंचती है ! और वह भगवान राम से विवाह का प्रस्ताव रखती है ! मना करने पर वह माता जानकी को हानि पहुंचाना चाहती है ! इतने में भगवान राम का इशारा पाकर भैया लक्ष्मण ने सूर्पनखा का नाक कान काट दिया ! यह समाचार लेकर जब रोती हुई सूर्पनखा दण्डक वन में खर दूषण के पास पहुंची ! तो क्रोध के आवेश में खर और दूषण अपनी सेना के साथ पंचवटी में पहुंच जाते हैं ! जहां पर भगवान राम इन राक्षसों का वध कर देते हैं ! यह समाचार जब रावण को प्राप्त होता है तो वह योजना बनाकर मामा मरीज को बुलवाता है ! और उन्हें स्वर्ण मृग बनकर राम लखन को बहलाने का आदेश देता है ! इस प्रकार वह स्वयं बाबा जी वन कर कुटिया में प्रवेश करता है ! और माता सीता का हरण कर लेता है ! माता सीता का विलाप सुनकर गिद्धराज जटायु वहां पहुंच जाते हैं और रावण से घनघोर युद्ध होता है ! जटायु वीरगति को प्राप्त होते हैं ! इधर मर्यादा पुरुषोत्तम राम और लक्ष्मण जी माता सीता की खोज करते हुए माता शबरी के आश्रम में पहुंचते हैं ! अपनी कुटिया में राम लक्ष्मण का दर्शन कर माता शबरी की बरसों की प्रतीक्षा पूर्ण होती हैं ! और शबरी के बताए हुए मार्ग पर आगे चलकर सुग्रीव से मिलते हैं ! जहां राम और सुग्रीव की मित्रता होती है ! मुख्य किरदार निभाने वालों में राम सरवन गुप्ता , लक्ष्मण राज गुप्ता , रावण मनोज गुप्ता, मामा मारीच आशीष गुप्ता, हनुमान अमित राय, खर गौरी शंकर, दूषण रजनीश कमलापुरी, गणेश चंद्र गुप्ता, ओमप्रकाश, बसंत लाल, परमानंद गुप्ता , इंद्रपाल, राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, त्रेता नाथ गुप्ता, धर्मेंद्र सोनी आदि के अभिनय को लोगों ने खूब सराहा ! कार्यक्रम का संचालन शुभम गुप्ता व निर्देशन कपिल नाथ गुप्ता ने किया !

