कमलेश
खमरिया-खीरी:शारदीय नवरात्र के नौवें दिन घरों, मंदिरों व माता रानी के सजे पंडालों में माता सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना कर भक्तों ने कन्याभोज का आयोजन किया। नवरात्र को अष्टमी और नवमी को कन्याओं को भोज कराया जाता है। जिन लोगों के यहां अष्टमी मनाई जाती है, उनके घर कल मंगलवार को ही कन्या भोज करा दिया गया था। वहीं अधिकतर घरों,मंदिरों व मातारानी के सजे पंडालों में बुधवार नवमी के दिन सुबह से ही कन्याभोज का आयोजन शुरू कर माता सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना शुरू कर दी गई जो लगातार सायं तक जारी रही।
शारदीय नवरात्र के नौवें दिन नवमी को माता सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना कर सुबह से ही घरों, मंदिरों व पंडालों में मातारानी के सजे दरबारों में कन्याभोज का आयोजन शुरू हो गया जो सायं तक जारी रहा। इस बाबत पंडित शिवकुमार मिश्रा बताते है कि पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव ने मां सिद्धिदात्री की तपस्या करके उनसे सिद्धियां प्राप्त कीं थी जिसमें माता की कृपा से उनका आधा शरीर नारी का और आधा पुरुष का हो गया था, जिससे वह अर्द्धनारीश्वर कहलाए, मां दुर्गा का ये अत्यंत शक्तिशाली स्वरूप है। शास्त्रों के अनुसार, देवी दुर्गा का यह स्वरूप सभी देवी-देवताओं के तेज से प्रकट हुआ है। आज के दिन कन्याओं को भोज कराने व दान दक्षिणा देने से पुण्य प्राप्त होता है।

