व्यापारियों में खुशी का माहौल,रंग गुलाल की बिक्री फ़ीकी
कमलेश
खमरिया-खीरीहोली के त्योहार को लेकर क्षेत्र के क़स्बा धौरहरा, कफारा, रमियाबेहड़, सिसैया, ईसानगर, कटौली, खमरिया, लाखुन आदि स्थानों में लगने वाली बाजारों में बुधवार को गांवों से निकलकर भारी संख्या में लोग पहुचकर ख़रीददारी करने लगे। जिसकी वजह से क़स्बा खमरिया ईसानगर कटौली धौरहरा के मेन बाजारों में जाम की स्थिति बनी रही।
होली के त्यौहार को लेकर बुधवार को क्षेत्र की मुख्य बाजारों में आस पड़ोस के गांवों से आकर हजारों की संख्या में लोगों ने रंग गुलाल, किराना, पान, मिठाई, मेवे की खरीददारी शुरू कर दी,जिसको लेकर दुकानों पर दोपहर बाद से देर सायं तक भी भीड़ लगी हुई है। इस दौरान लोगों ने रंग,गुलाल,बच्चों के लिए पिचकारी,मेहमानों के स्वागत के लिए सूखे मेवें,पेठा,पान सुपारी,मिठाईयां,कचरी पापड व फलों की दुकानों पर जमकर ख़रीददारी की। जिसको देख रंग गुलाल,मिठाई,पेठा,फल,किराना व्यवसायियों में खुशी देखी गई। इस दौरान क़स्बा खमरिया के पान व्यवसायी दीपक नाग ने होली के त्यौहार पर लोगों द्वारा की गई ख़रीददारी से प्रसन्न होकर बताया कि एक साल बाद आने वाले त्योहार पर इस बार अभी तक मंहगाई का असर दिखाई पड़ रहा था पर आज अचानक ग्राहकों की बढ़ी भीड़ देखकर ऐसा लग रहा है कि महंगाई जितनी भी हो पर लोग अपने काम की वस्तुएं खरीदेंगे ही।
परचून व्यवसायी दुर्गेश चौरसिया ने बताया कि मंगलवार तक हो रही बिक्री से ऐसा लग रहा था कि इस बार हम लोगों की होली फ़ीकी हो जाएगी पर बुधवार को अचानक बढ़ी बिक्री से सोंच बदल गई। फल व्यवसाई नईम ने भी खुशी व्यक्त करते हुए बताया कि इस बार सेब की तुलना संतरा,अंगूर व खजूर की बिक्री अधिक हो रही है,सेब महंगा होने की वजह से लोग कम खरीद रहे है। वहीं रंग गुलाल व्यवसायी अजय व नुरालम ने मायूसी व्यक्त कर बताया कि इस बार दुकानें अधिक होने व महंगाई के चलते पिछले वर्ष की तुलना इस बार रंगों की बिक्री कम हो रही है। जिसकी वजह से निवेश किया गया पैसा वापस होना मुश्किल हो गया है।

