राम वनगमन की कथा सुन भावुक हुए श्रद्धालु
पंश्याम त्रिपाठी/ बनारसी मौर्या
नवाबगंज गोंडा।कटरा कुटी पीठ पर चल चल रही सात दिवसीय श्रीराम कथा के पांचवें दिन कथा व्यास मिथिलाशरण पांडे ने राम वन गमन का भावपूर्ण प्रसंग सुना कर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया !
कथा व्यास ने कहा कि संतान में संस्कारों का बीजारोपण होना चाहिए!एक तरफ राजगद्दी और दूसरी तरफ 14 वर्ष का वनवास लेकिन फैसला लेने में प्रभु ने भी समय नहीं लगाया ! कथा व्यास ने कहा कि ऐसे समय पर फैसला लेने से जरा सा भी डगमगाना नहीं चाहिए ,और धैर्य कभी भी नहीं छोड़ना चाहिए ! व्यास जी ने संदेश देते हुए कहा कि हम लोग निष्काम भक्ति नहीं करते सकाम भक्ति करते हैं ! संतान में उदार भाव होना चाहिए ! उदार मनुष्य इस लोक में भी प्रतिष्ठा पाता है देवलोक में भी! दशरथ जैसे राजा और अन्य राजाओं ने अपने उदार भाव के कारण पृथ्वी और देवलोक में प्रतिष्ठा पाई थी ,जिससे इंद्र ने भी युद्ध में सहायता मांगी थी ! निशाचारों के वंश का विनाश करने हेतु देवताओं और मनुष्य के हित के लिए और हम सबको माता-पिता के आज्ञा का पालन कैसे करना चाहिए हमें समझ में कैसे व्यवहार करने चाहिए यह सीख देने के उद्देश्य भगवान किया !
हनुमान चालीसा के साथ कथा का समापन किया गया इस अवसर पर पीठाधीश्वर स्वामी चिन्मयानंद महराज,कथा के मुख्य यज्ञमान डॉ सुशीला रानी पांडे पत्नी राममणि पांडे ,कथावाचक भोलानाथ तिवारी,कथा वाचक लव महाराज ,कथावाचक भुनेश्वर शास्त्री ,कथावाचक विकास पांडे, राका शर्मा, मुख्य व्यवस्थापक रामगोपाल सिंह,डॉ अरुण सिंह ,डॉक्टर कुमार ,विनोद कुमार गुप्ता , विनोद सिंह, प्रवीण सिंह, आदि बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे!

