कमलेश जायसवाल
खमरिया खीरी: नवरात्र भर मैया का गुणगान करने के बाद गुरुवार को उनकी विदाई शुरू हो गई जो दोपहर बाद तक चलती रही। इस दौरान मां से मंगल कामना करने के बाद बाजे-गाजे के साथ विसर्जन यात्रा निकाली गई। जो शारदा व घाघरा नदी तट पर प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए बड़ी संख्या में भक्त ट्रेक्टर ट्रालियों में सवार होकर मातारानी के गीतों पर झूमते हुए निकल पड़े। विसर्जन यात्रा में महिलाओं की तादात पुरुषों की अपेक्षा काफी अधिक रही। इस दौरान भक्तों में भक्ति का खुमार ऐसा रहा कि महिलाएं नंगे पांव मैया के जयकारे लगाते व युवा नाचते-गाते रंग-गुलाल उड़ाते हुए आगे बढ़कर विसर्जन के लिए नदी तट पर पहुचे।
बुधबार को शारदीय नवरात्र समाप्त होने के बाद ईसानगर व खमरिया क्षेत्र के अलग अलग गांवों से गुरुवार को आयोजकों द्वारा मातारानी की प्रतिमाओं को एनएच 730 के बहराइच बॉर्डर पर जालिमनगर पुल के समीप घाघरा नदी किनारे व खमरिया क्षेत्र के जसवंतनगर लुधौनी के पास स्थित शारदा नदी तट के किनारे विसर्जन किया गया। इस दौरान थानाध्यक्ष निर्मल तिवारी व खमरिया थाना प्रभारी निरीक्षक ओपी राय ने बताया कि प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए आयोजकों के संग बैठक कर पूर्व में ही आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए थे,जिसके अनुसार विसर्जन के लिए नदी तट के पास तैयारी पूरी कर ली गई थी,यहाँ कोई अप्रिय घटना घटित न हो उसके लिए नदी तट से लेकर गांवों तक जगह जगह फोर्स की तैनाती करने के साथ वह स्वयं नजर रखे रहे।


